from KAVITARAWATBPL
रिसता घाव
खजूर पे चढ़ गए दाल के भाव from जिंदगी : जियो हर पल
दूर कहीं दूर
जा के मरो...यहाँ बहुत महंगाई हैfrom कुछ शब्द
रोते को हंसा दो तो कोई बात है साहिब, हंसते को रुला देना बड़ी बात नहीं है
बारातियों को दाल पिलाओ, दारु पिलाना कोई बड़ी बात नहीं हैfrom चर्चा हिन्दी चिट्ठो की !!!
"इंदिरा गांधी के फैसलों में होती थी हिम्मत" (चर्चा हिन्दी चिट्ठों की)
हिम्मत की कीमत करो और कांग्रेस को वोट दो....from जज़्बात
रोटियों की दीवारें ~~
केवल उपवास से टूटती हैfrom एक प्याला विचार भरा...
अब मैं किसी को भी अपना पेन नहीं दूंगा...
साले ले के भाग जाते हैं .......वापिस नहीं करतेमक्खन की बेबे (मां) गुम हो गई...खुशदीप
काश ! मेरी बीवी भी गुम हो जाए...........from J A N O K T I : A Forum of People's Voice
नव गीत: घर को 'सलिल' मकान मत कहो
क्यों ...इस से री सेल वेल्यू कम हो जाती है ?from धान के देश में! : Hindi Blog
गूगल सर्च इंजिन का विशिष्ट प्रयोग कैसे करें?
सबसे पहले बिजली आने दें फिर चाहे जैसे करें..........from मेरी कलम -
हम कृष्ण भी हैं - हम राम भी
बस .......आदमी बनते ही बता देंगे आपकोfrom मौन के खाली घर में... ओम आर्य
तुम्हारा मुबारक जन्म दिन मनाया जाए हर शाख पर!
ताकि उल्लुओं से बच जाए चमन अपनाfrom अदालत
कोर्ट फीस 20 गुणा बढ़ेगी!
तेलगी एंड पार्टी ध्यान देवेंfrom समयचक्र
चिट्टी चर्चा - आज सिर्फ महाशक्ति का वार
ताकि भारत माता की हो जयकारfrom एक आलसी का चिठ्ठा
पाठक मेरे !
टिप्पणी के साथ साथ पसंद पर भी क्लिक किया करfrom अंधड़ !
अंकल सैम, ड्रैगन और हम !
सब एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैंfrom देशनामा
मिल ही गया एक रुपया...खुशदीप
अब मैं तुम्हें फोन कर दूंगाfrom दुनाली
थू है ओबामा तुम पर
और तुम्हारे चीनी समर्थक रवैये पर Rakesh Singh - राकेश सिंह
इसे कहते हैं सरकारी पैसों का सदुपयोग !!!!!!
कि पचास हज़ार का कुत्ता खरीद लिया, दस हज़ार की गाय नहीं खरीदी
शिवेंद्र चौहान
राम भी नहीं कर पाएंगे उनका 'कल्याण'
हाँ कांशीराम होते, तो बात और थी.........
ओबामा को समर्पित एक प्रोडक्ट (यह पोस्ट सिर्फ़ पुरुष पाठक पढ़ें)…
और जहाँ तक सम्भव हो, कमोड पर बैठ कर ही पढ़ें..........
और जहाँ तक सम्भव हो, कमोड पर बैठ कर ही पढ़ें..........
सेक्स एक शक्ति है, उसको समझिए।
और जब भी मौका मिले, काम में लीजिये......
और जब भी मौका मिले, काम में लीजिये......
सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी
कौन कहता है कि राजनीति का पतन हो रहा है...?
कौड़ी के लोग कौड़ा हो गए हैं और कितना उत्थान चाहिए........
राकेश खंडेलवाल
कोई मेरी मजबूरी भी तो समझो!!
बोतलें तो कई थीं पर गिलास एक ही था ...
दीपक, धूप, अगरबत्ती, मोमबत्ती किसलिये
प्रभु को भी धूम्रपान पसंद है इसलिए.............
एक वीडियो जो मुझे पसंद आया
उसका साउंड ठीक नहीं था..........
महंगाई पर नहीं पेट पर नियंत्रण जरूरी है
ताकि पतलून नई न सिलानी पड़े.........
नए ज़माने की बहू
डान्स बहुत अच्छा कर लेती है
चुटकीबाज़ अलबेला खत्री
गीत कैसे लिखूं
आज किसी से तुक ही नहीं मिली.........
आज किसी से तुक ही नहीं मिली.........
Udan Tashtari
बोतलें तो कई थीं पर गिलास एक ही था ...
प्रभु को भी धूम्रपान पसंद है इसलिए.............
उसका साउंड ठीक नहीं था..........
अंशुमाली रस्तोगी
महंगाई पर नहीं पेट पर नियंत्रण जरूरी है
ताकि पतलून नई न सिलानी पड़े.........
बालमुकुंद
डान्स बहुत अच्छा कर लेती है
चुटकीबाज़ अलबेला खत्री
11 comments:
"गीत कैसे लिखूं ....... आज किसी से तुक ही नहीं मिली........."
बेतुका ही लिख दो जी आजकल तुक से किसी को भी मतलब नहीं रहता, बीट्स होने चाहिये बस! :-)
शानदार चुटकी!
बहुत शानदार कवरेज रहा चुटकी लेते लेते!! बधाई!
यह चुटकी वाली अदा पसन्द आई .. । इसे जारी रखें
bahut hi shaandaar...
is baat ka dukh hai ki....
maine aisa kyo nhi socha?
lajwaab
badai..
बढ़ियां.....
आप भी बहुत मेहनत कर रहे हैं आजकल .. शुभकामनाएं !!
अलबेला जी, आपकी चुटकियों का अंदाज़ भी
आपकी ही तरह अलबेला है,
ये बिल्कुल नया नवेला है.
बकरा बन जाता है बन्दर
लौकी बन जाती केला है..
:)
आभार मुझे अपने साथ लेके चलने के लिए..
जय हिंद...
यह रही अलबेली अदा । शानदार चुटकियाँ, मजेदार चुटकियाँ ।
बहुत सुन्दर खत्री साहब
, चुटकिया बहुत प्यारी मारी है, आभार !!
gazab bhai kamal kar diya
Ab kya kahen???????????
Sab din n hot ek samana......
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